मधुमेह (BLOOD SUGAR) क्या होता है


Blood Sugar (मधुमेह)
चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि ब्लड शुगर (मधुमेह),डायबिटीज क्या है और इसके कारण कौन सी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पहले समझते हैं कि हमारा पाचन तंत्र कैसे कार्य करता है। हम जो भी खाना खाते हैं, वह अंदर जाकर टूटता है और ग्लूकोज और शर्करा का निर्माण करता है। जैसे ही यह शर्करा रक्त में प्रवेश करता है, पैंक्रियास एक हार्मोन (इंसुलिन) छोड़ता है। इंसुलिन, ग्लूकोज को रक्त से शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह एक अद्भुत प्रक्रिया है जो हर बार भोजनकरने केबादहोताहै।
लेकिन, जब पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है या इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता है तो ग्लूकोज रक्त में जमा होने लगता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
अनियंत्रित मधुमेह हृदय रोग, स्ट्रोक, नर्व डैमेज, गुर्दे की बीमारी और अंधापन जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।
शुगर का स्तर निम्नलिखित होना चाहिए:
· 20 वर्ष से अधिक आयु के लोग
समय
ब्लड शुगर स्तर (मिलीग्राम/डीएल)
उपवास (एफबीएस रेंज)
70-100
भोजन से पहले (भोजन)
70-130
खाना खाने के 1-2 घंटे बाद
180 से कम
सोने का समय
100-140
· गर्भवती महिलाओं के लिए रक्त ब्लड शुगर का स्तर
समय
ब्लड शुगर रेंज
उपवास के बाद (FBS)
70-89 मिलीग्राम/डीएल
भोजन से पहले (भोजन)
89 मिलीग्राम/डीएल
खाना खाने के 1-2 घंटे बाद
120 मिलीग्राम/डीएल से कम
सोने के समय
100-140 मिलीग्राम/डीएल
·
लो ब्लड शुगर (LOW BLOOD SUGAR)
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में लो ब्लड शुगर का मतलब 80 mg/dL से कम है. वहीं, अगर ये रीडिंग 40 mg/dLसे कम होती है तो ये बेहद खतरनाक है. अगर किसी डायबिटिक व्यक्ति का ब्लड शुगर कई घंटों तक 40 mg/dL से नीचे रहता है तो उस व्यक्ति की कोमा में जाने की बहुत अधिक संभावना होती है
1. शुगर का गिर जाना (लो ब्लड शुगर): जब शुगर का स्तर अत्यंत नीचे जाता है, तो इसे हाइपोग्लाइसेमिया कहा जाता है। इसके कुछ लक्षण हो सकते हैं जैसे कि चक्कर आना, मुंह में मीठे रस की खासी आवश्यकता, थकान, और चिंकनाहट। इसका सही उपचार तुरंत कुछ मीठे या ग्लूकोज की तेजी से देना होता है, जिससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है।
2. इंसुलिन अधिक खपत (इंसुलिनोमा): कभी-कभी, शुगर के स्तर कम होने के बाद इंसुलिन अधिक खपत हो सकती है, जिससे हाइपोग्लाइसेमिया बढ़ सकती है। इसके लक्षण में बार-बार प्यास लगना, बढ़ी हुई प्यास, और तेजी से वजन घटना शामिल हो सकते हैं। इसका उपचार मेडिकल सुपरवाइजन के तहत किया जाता है।
मधुमेह के कारण:
मधुमेह के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
· आनुवंशिकता
· शरीर की अवसादना
· बढ़ता हुआ वजन
· असंतुलित आहार
· कम शारीरिक गतिविधि
· उम्र के साथ बढ़ता हुआ रिस्क
· गर्भावस्था
हाई ब्लड शुगर (HIGH BLOOD SUGAR)
1. टाइप 1 डायबीटीज (इंसुलिन निर्माण की कमी): यह बीमारी इंसुलिन की पूरी तरह से कमी के कारण होती है और इसमें रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता है। इसके लक्षणों में बहुत ज्यादा प्यास, बार-बार मूत्र आवृत्ति, वजन कमी, और थकान शामिल हो सकते हैं। इसका उपचार इंसुलिन इन्जेक्शन्स द्वारा किया जाता है।
2. टाइप 2 डायबीटीज (इंसुलिन के सही उपयोग की कमी): इसमें इंसुलिन की उपयोगीकरण की कमी होती है और इससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता है। यह बीमारी आमतौर पर वयस्कों में होती है और उसके लक्षणों में बार-बार मूत्र आवृत्ति, तेजी से वजन बढ़ना, थकान, और अंधापन शामिल हो सकते हैं। उपचार में औषधियों, जीवनशैली परिवर्तन, और कई मामूली उपाय शामिल हो सकते हैं।
उच्च और निम्न स्तर की बीमारियों का उपचार:
· शुगर कमी (हाइपोग्लाइसेमिया) का उपचार:
· तुरंत मधु या ग्लूकोज का सेवन करें।
· दक्षता से तुरंत मेडिकल सहायता लें।
· तत्काल खाना खाएं, जैसे कि रसभर फल या ग्लूकोज की चीनी।
· शुगर बढ़ने का उपचार:
मधुमेह का उपचार एक संयोजन होना चाहिए, जिसमें जीवन शैली में बदलाव और दवा का सही सेवन शामिल होता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो मधुमेह के उपचार में मदद कर सकते हैं:
· नियमित रूप से चलना, तैराकी, योग आदि के माध्यम से शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
· विश्राम तकनीकों और अच्छी नींद के माध्यम से तनाव और चिंता से निपटें।
· धूम्रपान छोड़ें और शराब और कैफीन का सेवन नियंत्रित करें।
· अपने आहार में सुगर, मैदा और प्रोसेस्ड फूड की मात्रा को कम करें।
· फल, सब्जी, अनाज, मखाने, और दूध की मात्रा बढ़ाएं।
· दवाओं का सेवन नियमित रूप से करें और डॉक्टर की सलाह पर अपनी दवाओं को बदलें।
· नियमित रूप से अपनी ब्लड शुगर लेवल्स की जांच कराएं और इसे नियंत्रित रखने के लिए उपाय अपनाएं।
·
घरेलू उपाय:
1. मेथी दाने:
· रात भर मेथी दानों को पानी में भिगोकर सुबह खाएं।
· इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
2. करेला:
· करेले का रस पीना ब्लड शुगर को कम करने में सहायक हो सकता है।
· आप करेले को कच्चा या शाकाहारी रूप में भी खा सकते हैं।
3. आम के पत्ते:
· आम के पत्तों को भूसी के साथ पीसकर रोज़ सुबह खाना चाहिए।
· यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
दवाइयों का नाम
1. इन्सुलिन इंजेक्शन्स:
· टाइप 1 डायबीटीज के लिए अधिकांश लोग इंसुलिन इंजेक्शन्स का उपयोग करते हैं।
2. Metformin (ग्लूकोफेज):
· टाइप 2 डायबीटीज के लिए सामान्यत: ग्लूकोफेज का इस्तेमाल होता है, जो इंसुलिन के प्रयोग को बढ़ाता है और शुगर का स्तर कम करता है।
3. SGLT2 Inhibitors (एसजीएलटी 2 इन्हिबिटर्स):
· इन्हें डायबीटीज के इलाज में उपयोग किया जाता है जो गुर्दे से ग्लूकोज को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
4. Ozempic (सेमग्लुटाइड):
· Ozempic एक नई पीढ़ी की दवा है जो टाइप 2 डायबीटीज के इलाज में उपयोग होती है और इसका उपयोग इंसुलिन की आवश्यकता को कम करने के लिए किया जाता है। यह उच्च मूल्य वाली दवा मानी जाती है और मर्जी से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
ब्लड शुगर का इतिहास: ब्लड शुगर के इतिहास का पता लगाना अद्भुत यात्रा है। ब्रिटिश राज में इसे 'मधुमेह' कहा जाता था, और इसका प्रथम लेख 17वीं सदी में चीन में पाया जा सकता है। उस समय से लेकर ब्लड शुगर के इलाज में बड़ी प्रगति हुई है, जिससे रोगीयों को बेहतर जीवन जीने में सहायता मिल रही है।
भविष्य की स्थिति और अध्ययन: आधुनिक तकनीकी योग्यता के साथ, ब्लड शुगर के इलाज में और भी वृद्धि हुई है। जेनोमिक्स, इंसुलिन पम्प्स, और विभिन्न रूपों की औषधियों के विकास से रोग का प्रबंधन और इलाज में सुधार हुई है। भविष्य में, और भी उन्नत और प्रभावी इलाज की उम्मीद है, जिससे रोगियों को जीवन को नॉर्मल रूप से जीने में साहयक हो सकता है।
भारत में ब्लड शुगर का प्रभाव: भारत में ब्लड शुगर का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। अनेक कारणों में से एक है अपनी बदलती जीवनशैली और अनुपयुक्त आहार। जनसंख्या के तेज बढ़ते होने के साथ, इस समस्या का सामना करने की आवश्यकता है और लोगों को इस से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता है।
समाप्ति: ब्लड शुगर एक गंभीर समस्या है जिसका सही इलाज और प्रबंधन आवश्यक है। यहां उपरोक्त जानकारी बस एक संक्षेप है और इसमें विस्तृत जानकारी और व्यक्तिगत सलाह के लिए डॉक्टर की सलाह का पालन करना हमेशा अच्छा होता है। साथ ही, योग और अनुसंधान के माध्यम से इस बीमारी के इलाज में और भी प्रगति हो सकती है, जिससे लोग स्वस्थ और जीवनर्थी जीवन जी सकते हैं।